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तीसरा सप्तक (1959)
प्रयाग नारायण त्रिपाठी
मदन वात्स्यायन
विजयदेव नारायण साही
कुंवर नारायण
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
केदारनाथ सिंह
कीर्ति चौधरी
प्रयाग नारायण त्रिपाठी ● विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित
मदन वात्स्यायन ● अपथगा, शुक्रतारा
विजयदेव नारायण साही ● मछलीघर, साखी
कुंवर नारायण ● चक्रव्यूह, आत्मजयी , परिवेश, हम तुम , आमने-सामने
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ● काट की घंटियां , गर्म हवाएं, बांध का पुल, जंगल का दर्द, बांस के पुल
केदारनाथ सिंह ● अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो
कीर्ति चौधरी ● खुले हुए आसमान के नीचे , कविताएं
प्रयाग नारायण त्रिपाठी
मदन वात्स्यायन
विजयदेव नारायण साही
कुंवर नारायण
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
केदारनाथ सिंह
कीर्ति चौधरी
प्रयाग नारायण त्रिपाठी ● विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित
मदन वात्स्यायन ● अपथगा, शुक्रतारा
विजयदेव नारायण साही ● मछलीघर, साखी
कुंवर नारायण ● चक्रव्यूह, आत्मजयी , परिवेश, हम तुम , आमने-सामने
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ● काट की घंटियां , गर्म हवाएं, बांध का पुल, जंगल का दर्द, बांस के पुल
केदारनाथ सिंह ● अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहां से देखो
कीर्ति चौधरी ● खुले हुए आसमान के नीचे , कविताएं
@iamchandruss
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