■ तार सप्तक (1943)
अज्ञेय ने नेमि राम से मुक्ति पाने केलिए भारत प्रभाकर को गिरा दिया ।
अज्ञेय
नेमिचंद्र जैन
रामविलास शर्मा
गजानन माधव मुक्तिबोध
भारत भूषण अग्रवाल
प्रभाकर माचवे 'बलवंत'
गिरिजाकुमार माथुर
■ दूसरा सप्तक (1951)
हरि धर्म केलिए रघुवीर ने शकुन्तला को नरेश सिंह के भवन से निकाल दिया ।
हरिनारायण घनश्याम व्यास
धर्मवीर भारती
रघुवीर सहाय
शकुन्त माथुर
नरेश मेहता
शमशेर बहादुर सिंह
भवानीप्रसाद मिश्र
■ तीसरा सप्तक (1959)
कुंवर केदार के सर्व विजय की कीर्ति प्रयाग से लेकर मदनपुर तक फैल गयी ।
कुंवर नारायण
केदारनाथ सिंह
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
विजयदेव नारायण साही
कीर्ति चौधरी
प्रयाग नारायण त्रिपाठी
मदन वात्स्यायन
■ चौथा सप्तक (1979)
अवधेश के राजकुमार श्रीराम ने राजेन्द्र नन्दकिशोर को सुमन के साथ स्वदेश भेज दिया ।
अवधेश कुमार
राजकुमार कुंभज
श्रीराम वर्मा
राजेंद्र किशोर
नन्दकिशोर आचार्य
सुमन राजे
स्वदेश भारती
@iamchandruss
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