Youtube
तुलसीदास की प्रमुख कृतियाँ
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 12 ग्रन्थ प्रामाणिक माने जाते हैं ।
दोहावली ,कवितावली ,गीतावली, रामचरितमानस, रामाज्ञाप्रश्न ,विनय पत्रिका, रामललानहछू,पार्वतीमंगल,जानकीमंगल ,बरवै रामायण ,वैराग्य संदीपनी, कृष्ण गीतावली
रामचरितमानस
सं०1631
तुलसीदास की कीर्ति का आधार
इष्ट भगवान राम की जीवन गाथा को सात काण्डों में चित्रित किया
रचना लोकभाषा अवधि में
दोहा चौपाई पद्धति
शांत रस प्रधान महाकाव्य
गीतावली
सं०1630-70
ब्रजभाषा
रामकथा को गीतिशैली में प्रस्तुत किया
सात काण्ड
330 छंद गेय शैली में
श्रृंगार ,वात्सल्य तथा करुण रस से संपन्न
कवि की आरंभिक काल की महत्वपूर्ण रचना
दोहावली
सं०1626-80
दोहा नामक विषम मात्रिक छंद
573 दोहे
राम ,राम की महिमा ,भक्ति ,नीति तथा सदाचार संबंधी विषय
नीति विषयक और उपदेशपरक दोहे
विनय पत्रिका
सं०1631-79
महत्वपूर्ण शास्त्रीय कृति
इसके द्वारा तुलसीदास ने कलियुग से दुखी होकर अपने आराध्य से अपनी रक्षा करने की विनती की है
ब्रज भाषा
300 पद
भक्तिरस का अद्वितीय काव्य
पार्वती मंगल
सं०1643
श्रंगार रस प्रधान रचना
महादेव और पार्वती के विवाह का वर्णन
164 पद
श्रृंगार के साथ हास्य रस का भी चित्रण
जानकी मंगल
सं०1629-30
216 छंद
जानकी की कथा का वर्णन
वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का प्रभाव
कवितावली
सं०1631-80
राम कथा
कवित्त, सवैया, घनाक्षरी, छप्पय आदि का प्रयोग
यह काव्य कवि की प्रौढ़ता का परिचायक है ।
325 छंद
हिंदी साहित्य में राम को परमब्रह्म के पूर्णावतार के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय तुलसीदास को है ।
Question
इनमें कौन सी तुलसीदास की रचना नहीं है?
A. गीतावली
B. भक्तमाल
C. रामचरितमानस
D. जानकीमंगल
Ans:भक्तमाल
@iamchandruss
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 12 ग्रन्थ प्रामाणिक माने जाते हैं ।
दोहावली ,कवितावली ,गीतावली, रामचरितमानस, रामाज्ञाप्रश्न ,विनय पत्रिका, रामललानहछू,पार्वतीमंगल,जानकीमंगल ,बरवै रामायण ,वैराग्य संदीपनी, कृष्ण गीतावली
रामचरितमानस
सं०1631
तुलसीदास की कीर्ति का आधार
इष्ट भगवान राम की जीवन गाथा को सात काण्डों में चित्रित किया
रचना लोकभाषा अवधि में
दोहा चौपाई पद्धति
शांत रस प्रधान महाकाव्य
गीतावली
सं०1630-70
ब्रजभाषा
रामकथा को गीतिशैली में प्रस्तुत किया
सात काण्ड
330 छंद गेय शैली में
श्रृंगार ,वात्सल्य तथा करुण रस से संपन्न
कवि की आरंभिक काल की महत्वपूर्ण रचना
दोहावली
सं०1626-80
दोहा नामक विषम मात्रिक छंद
573 दोहे
राम ,राम की महिमा ,भक्ति ,नीति तथा सदाचार संबंधी विषय
नीति विषयक और उपदेशपरक दोहे
विनय पत्रिका
सं०1631-79
महत्वपूर्ण शास्त्रीय कृति
इसके द्वारा तुलसीदास ने कलियुग से दुखी होकर अपने आराध्य से अपनी रक्षा करने की विनती की है
ब्रज भाषा
300 पद
भक्तिरस का अद्वितीय काव्य
पार्वती मंगल
सं०1643
श्रंगार रस प्रधान रचना
महादेव और पार्वती के विवाह का वर्णन
164 पद
श्रृंगार के साथ हास्य रस का भी चित्रण
जानकी मंगल
सं०1629-30
216 छंद
जानकी की कथा का वर्णन
वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण का प्रभाव
कवितावली
सं०1631-80
राम कथा
कवित्त, सवैया, घनाक्षरी, छप्पय आदि का प्रयोग
यह काव्य कवि की प्रौढ़ता का परिचायक है ।
325 छंद
हिंदी साहित्य में राम को परमब्रह्म के पूर्णावतार के रूप में प्रतिष्ठित करने का श्रेय तुलसीदास को है ।
Question
इनमें कौन सी तुलसीदास की रचना नहीं है?
A. गीतावली
B. भक्तमाल
C. रामचरितमानस
D. जानकीमंगल
Ans:भक्तमाल
@iamchandruss
Thanks
ReplyDeleteVisit youtube.com/iamchandruss
ReplyDelete