निर्मला - उपन्यास ( प्रेमचंद )




निर्मला

1927 में लिखित
प्रेमचंद

मुख्य विषय

दहेज का अभिशाप
अनमेल विवाह के बुरे परिणाम
भारतीय महिलाओं की विवशता और उत्पीड़न

सारांश

निर्मला उदयभानुलाल नाम के एक प्रसिद्ध वकील की चार संतानों में सबसे बड़ी बेटी का नाम है । निर्मला की एक छोटी बहन कृष्णा और दो छोटे भाई चंद्रभान और सूरजभान थे ।

निर्मला का रिश्ता एक वकील के सबसे बड़े बेटे भुवनमोहन सिन्हा के साथ तय किया गया । शादी की तारीख तय हो गई थी और शादी की तैयारी भी पूरी हो गई थी । इसी बीच निर्मला के पिता पर एक मुजरिम ने चाकू से हमला कर दिया । वे मारे जाते हैं । निर्मला की शादी उसके पिता की मृत्यु के बाद टूट जाती है ।

निर्मला की विधवा मां कल्याणी निराशा और लाचार हो जाती है । बेबसी की इस हालत में वह एक पंडित के कहने पर निर्मला की शादी एक बुजुर्ग वकील से कर देती है । निर्मला के पति तोताराम 40 वर्षीय वकील है । उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया था । उनके तीन बेटे और एक विधवा बहन हैं । निर्मला जैसी युवा पत्नी मिलने के बाद वह अपने बच्चों से दूर और लापरवाह हो जाता है ।

दूसरी ओर तोता राम की बहन निर्मला के खिलाफ बच्चों को भड़काती है । तोता राम के जेष्ठ पुत्र मनसाराम जिनकी आयु निर्मला के समान ही दी । मनसाराम तपेदिक से पीड़ित होता है और अंत में इस दुनिया को छोड़ देता है ।

इस प्रतिकूल स्थिति से निर्मला मानसिक रूप से परेशान है । दूसरी ओर तोताराम आर्थिक रूप से परेशान है जिसके कारण वह मानसिक रूप से पंगु हो जाता है । निर्मला जब बेटी को जन्म देती है तब तोताराम घर से गायब हो जाता है ।

निर्मला के पड़ोस में सुधा नाम की एक पड़ोसी आती है । सुधा एक दयालु और प्रबुद्ध लड़की है । उनके पति का नाम भुवनमोहन सिन्हा है जो निर्मला के मंगेतर थे । वह अब एक डॉक्टर है । सुधा को जल्द ही इस बात का पता चलता है कि उसके पति ने दहेज के लालच में निर्मला से शादी करने से मना कर दिया था । सुधा को यह बात बुरी तरह से प्रभावित करती है । बदले में वह निर्मला की छोटी बहन कृष्णा की शादी अपने देवर से कर देती है । बारात के दिन निर्मला पर यह बात साफ हो जाती है कि भुवनमोहन सिन्हा उसका मंगेतर था ।

कृष्णा की शादी के बाद निर्मला और सुधा की दोस्ती और गहरी हो जाती है । सुधा का पति एक दिन निर्मला से प्रेम की याचना करता है, लेकिन इसमें सफल नहीं होता और सुधा के द्वारा रंगे हाथों पकड़ा जाता है । सुधा के जीवन की तबाही को देखकर निर्मला कमज़ोर हो जाती है और इस आघात से थक कर मर जाती है । तोताराम अपनी वृद्धावस्था और कमजोरी के बावजूद निर्मला की चिता में आग लगा देता है ।


Questions

● प्रेमचंद का उपन्यास निर्मला में चित्रित प्रमुख समस्या :

1. बेकारी की समस्या
2. अनमेल विवाह
3. जातिगत भेदभाव
4. शहरी जीवन की समस्या




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