ब्रजभाषा ( हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ )



हिन्दी - उपभाषाएँ तथा बोलियाँ


ब्रजभाषा

ब्रज का पुराना अर्थ - पशुओं या गौओं का समूह

पशुपालन के प्राधान्य के कारण यह क्षेत्र ब्रज कहलाया ।
इसी आधार पर इसकी बोली ब्रजभाषा कहलायी ।

इसका विकास शौरसेनी अपभ्रंश के मध्यवर्ती रूप से हुआ है ।

ब्रजभाषा का क्षेत्र - आगरा, मथुरा, अलीगढ, धौलपुर, मैनपुरी, एटा, बरेली तथा
आसपास के क्षेत्र

साहित्य और लोकसाहित्य दोनों ही दृष्टियों से संपन्न

प्रमुख कवि - सूरदास, तुलसीदास, नंददास, रहीम, रसखान, बिहारी, देव, रत्नाकर

सभी भक्त कवियों, रीतिकालीन कवियों ने अपनी रचनाएं इसी भाषा में लिखी हैं ।



Questions

ब्रजबोली और खड़ीबोली दोनों से संबंध रखनेवाली है :

1. पश्चिम हिन्दी
2. पूर्वी हिन्दी
3. राजस्थानी
4. बिहारी




@iamchandruss 

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