गिल्लू - रेखाचित्र ( महादेवी वर्मा )


गिल्लू
      - महादेवी वर्मा

लेखिका इसमें गिलहरी जैसे एक चंचल और छोटे जीव के प्रति प्रेम का चित्रण किया है ।

एक बार लेखिका कि दृष्टि गिलहरी के एक छोटे से बच्चे पर पड़ी, जो अपने घोंसले से ज़मीन पर गिर गया था ।

गिलहरी के बच्चे को दो कौवे मिलकर अपना शिकार बनाने की तैयारी में जुटे थे । लेखिका ने गिलहरी के घायल बच्चे को बचाकर अपने रूम ले गई और उसका मरहम-पट्टी किया । तीसरे दिन गिलहरी का बच्चा इतना स्वस्थ हो गया था कि वह अपने पंजों से लेखिका की उंगली पकड़ने लगा था । लेखिका ने उसका नाम रखा ' गिल्लू ' ।

महादेवी जी ने फूल रखनेवाली एक हल्की डलिया में रुई बिछाकर तार से खिड़की पर लटका दिया था, जो अगले दो सालों तक गिल्लू के रहने का ठिकाना बन गया । लेखिका का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वह विभिन्न उपाय करता था । भूख लगने पर वह चिक-चिक करके लेखिका को सूचना देता था ।

गिल्लू के जीवन के प्रथम वसंत में लेखिका ने उसके लिए खिड़की की जाली का कोना खोल दिया था । गिल्लू लेखिका को जगह-जगह छिपकर चौंकाता था और लेखिका की थाली में से सफाई के साथ खाना उठाकर खाता था ।

जब लेखिका को मोटर दुर्घटना में घायल होने के कारण अस्पताल में रहना पड़ा, तब गिल्लू अपना प्रिय पदार्थ काजू भी नहीं खाता था । वह लेखिका की बीमारी में परिचारिका के समान उसका ध्यान रखता था । गिल्लू नये-नये उपाय खोजकर लेखिका के पास ही रहता ।

सामान्यतः गिलहरियों का जीवनकाल दो वर्ष का होता है । अपने अंत समय में गिल्लू अपने झूले से उतरकर लेखिका के पास आया और लेखिका की उँगली पकड़ ली जैसे कि उसने अपने बचपन में पकड़ी थी, जब वह लेखिका को मिला था ।

गिल्लू के चिर निद्रा में सोने पर लेखिका ने गिल्लू को उसी सोनजुही की बेल के नीचे समाधि दी जो उसे बहुत प्रिय थी । लेखिका को उसका जूही के पीले फूल के रूप में खिलने का विश्वास है, जो उसे संतोष देता है ।



Questions

हिन्दी रेखाचित्र के क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध साहित्यकार :

A. महादेवी वर्मा
B. प्रेमचंद
C. सुभद्राकुमारी चौहान
D. वृंदावनलाल शर्मा




@iamchandruss
 

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